भारत में रेलवे की शुरुआत: 1832 से 1853 तक की असली कहानी और पहले प्रयोग
भारत में रेलवे की शुरुआत 1853 की पहली ऐतिहासिक यात्रा ने भारत में रेल युग की शुरुआत को चिन्हित किया, लेकिन क्या आप जानते हैं—इससे पहले भी देश में रेलवे को लेकर कई प्रयोग और योजनाएँ शुरू हो चुकी थीं?
जिस यात्रा ने भारत को जोड़ना शुरू किया, उसका आधार कई वर्षों पहले मद्रास की मिट्टी में डाले गए बीजों से पड़ा था। आइए, अब चलते हैं उस दौर में… जब 1832 में रेलवे का विचार पहली बार भारत में जन्मा था, और लाल पहाड़ियों से लिटिल माउंट तक की रेल ने निर्माण कार्यों में एक नई क्रांति लाई थी।
भारत में रेलवे की शुरुआत से पहले के शुरुआती प्रयास
रेलवे की पहली आधिकारिक सेवा भले ही 1853 में शुरू हुई हो, लेकिन इससे पहले भी भारत में रेलवे को लेकर कई प्रयोग और योजनाएँ बनाई जा चुकी थीं। आइए जानें कैसे…
1. 1832: रेलवे का पहला प्रस्ताव – मद्रास में
भारत में रेलवे की योजना सबसे पहले 1832 में मद्रास (अब चेन्नई) में प्रस्तावित की गई थी। यह भारत में रेल यातायात को लेकर सरकारी स्तर पर सबसे प्रारंभिक सोच थी।
2. 1837: भारत की पहली ट्रेन – लाल पहाड़ियों से लिटिल माउंट तक
1837 में, मद्रास में लाल पहाड़ियों से चिंताद्रीपेट (लिटिल माउंट) तक लगभग 25 किमी लंबी एक रेलवे लाइन पर पहली ट्रेन चलाई गई।
- इसका उद्देश्य यात्रियों को ले जाना नहीं, बल्कि ग्रेनाइट पत्थरों का परिवहन करना था।
- इसे सर आर्थर कॉटन ने रोड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के तहत बनवाया था।
- इसमें विलियम एवरी द्वारा निर्मित रोटरी स्टीम लोकोमोटिव का प्रयोग हुआ था।
3. 1845: गोदावरी बांध निर्माण रेलवे – इंजीनियरिंग का एक और प्रयोग
1845 में, कॉटन द्वारा ही डोलेश्वरम (राजामुंदरी) में एक अस्थायी रेलवे बनाई गई, जिसका उद्देश्य था गोदावरी नदी पर बांध निर्माण के लिए भारी पत्थरों की आपूर्ति करना।
4. 8 मई 1845: मद्रास रेलवे कंपनी की स्थापना
यह भारत में रेलवे के औपचारिक विस्तार की दिशा में बड़ा कदम था। इसी वर्ष ईस्ट इंडिया रेलवे की भी शुरुआत हुई, जो आगे चलकर बंगाल और उत्तर भारत में सक्रिय रही।
5. 1 अगस्त 1849: ग्रेट इंडियन प्रायद्वीपीय रेलवे (GIPR) का जन्म
GIPR की स्थापना संसद के अधिनियम द्वारा की गई और यही कंपनी 1853 की ऐतिहासिक मुंबई–थाणे रेल सेवा की संचालनकर्ता बनी।
6. 1851: रुड़की की सोलानी एक्वाडक्ट रेलवे (Solani Aqueduct Railway)
रुड़की में सोलानी नदी पर बनाए जा रहे एक्वाडक्ट के लिए निर्माण सामग्री लाने के उद्देश्य से एक छोटी रेलवे बनाई गई। जो रुड़की और लक्सर के बीच थी।
- इसमें जो इंजन प्रयोग हुआ, उसे थॉमसन स्टीम लोकोमोटिव कहा गया, जो उस समय के एक ब्रिटिश अधिकारी के नाम पर था।
7. 1852: मद्रास गारंटी रेलवे कंपनी की शुरुआत
यह कंपनी सरकार द्वारा वित्तीय गारंटी पर चलाई जाने वाली रेलवे कंपनियों में से एक थी, जो आगे चलकर दक्षिण भारत में रेलवे के तेजी से विस्तार का माध्यम बनी।
इन सभी प्रयासों ने मिलकर भारत में रेलवे सेवा के लिए मजबूत नींव रखी। 1853 की पहली यात्रियों वाली रेलगाड़ी कोई अचानक उठाया गया कदम नहीं था—बल्कि यह वर्षों की तकनीकी तैयारियों और इंजीनियरिंग प्रयोगों का परिणाम थी।
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